सुनके भी ना, सुनना है
मुझको तुझसे बच के रहना है
मुश्किलों में पड़ना नहीं है अब मुझे
बस अपनी राहों में चलना है मुझे
हाँ!
आवाज़ नहीं! तू है मेरा एक फ़ितूर
छोड़ दे मुझको छोड़ दे तू! रहना तू मुझसे दूर!
दिल के जो क़रीब है, वो पास है मेरे!
सदा ना दे मुझे ना आऊँ पास मैं तेरे
ये है मेरी दुनिया नहीं खोना है इसको
क्यों सनन-सनन सदाएं दे बुलाए तू?
अनजान जहाँ! अनजान जहाँ!
अनजान जहाँ!
चाहती है क्या? क्यों नींदें चुराती है?
हो न जाए कोई ग़लती मुझे क्यों सताती है?
या बेचैनी है क्या तुझमें भी ऐसी?
क्या दिल में है हलचल कुछ मेरे जैसी?
हाँ! इस दिल में जो दबा है वो बढ़ता है जुनून!
डर है तुझको पा के खुद को खो ना दूँ!
है अनजान जहाँ! अनजान जहाँ!
अनजान जहाँ!
तू क्या है? तू कहाँ है?
तू क्यों है? तू जहाँ है, आ!
हाँ! हाँ आ! आ आ! हाँ आ! हाँ आ!
तनहा ना छोड़ अब मुझे इस तरह यूँ!
ले चल संग मुझको तू! उस अनजान जहाँ!