मालिक शायद आपकी समझ में नहीं आया कि आपने क्या है पाया
तो क्यूँ ना आप हो जाए आप स्थापित
और मैं करूँ प्रकाशित
ताक़त च..च...चिराग़ की
अली बाबा के थे चालिस चोर
शहज़ादे के थे दीवाने
मालिक खुली क़िस्मत मिली लौटरी
मिला जादू जो हार ना माने
आ गयी और आग मुट्ठी में
बड़ी टोपे उगलती आग
स्टाइल हो या अदा
मैं तो मैं तो च.च च ...चिराग़ ..को पाइए
मिस्टर अल्लादिन सर
पेश कर दु आइटम कई ..
मेरे जैसा कोई दोस्त नहीं
ज़िंदगी हैं रेस्ट्रॉंट दे दू तंदूरी मुर्गी
मालिक जो चाहे मैं ले आऊँ
मेरा जैसा कोई दोस्त नहीं
हे मालिक...हैं फ़ुल फ़ुल स्टाइलिश
और है बॉस आपका हैं जलवा
बताये लाऊँ क्या फ़्रेश
गोवा फ़्राई या फ़िश या गाजर का हलवा
नॉन वेज़ हाई क्वालिटी वेजेटेरीयन हैं मिलता भी
कैसा है
मेरे जैसा कोई दोस्त नहीं
अरे बोल ना....अरे मान ना....
अरे ज़रा माँग के देख तो...
यार करे ये...
कौन यार करे ऐसा...
कौन यार निकाले हैट से सुअर सा
दोस्तों से ना हो.....ये अविष्कार
और ये ना हो आबरा का दाबरा...
सिम सिम सिम....
जंतर मंतर ...चमत्कार...
क्यू ये मुँह खुला तू....
मैं ज़िन हूँ नहीं हूँ भूत
आपके पास हैं यानी सर्टिफ़ायड
प्राइवट कम राजदूत
इशारों पे में करूँ ट्विस्ट
कर दूँ ....मैं जो कहो
तीन मील जितनी लम्बी लिस्ट हैं
तो ऐसे चिराग़ को रगड़ दो
श्रीमान अल्लादिन जी
माँग के दो या तीन...
पूरे होंगे ख़्वाब
मैं हूँ एक नवाब...
मेरे जैसा कोई दोस्त नहीं...
जैसा कोई...जैसा कोई..दोस्त दोस्त नहीं
मेरे जैसा कोई दोस्त हैं नहीं.