खोलो दिल का दरवाज़ा
ना दूरी ना ज़रूरी फ़ासला
आया है पहली बार यह लम्हा
तुम्हें समझा हैं मैंने
आया है पहली बार यह लम्हा
ढूँढे हल हम साथ मैं
(चले अब साथ हम दोनो यहाँ से)
क्यूँ ख़ौफ़ हो दिल मैं
आया है पहली बार यह लम्हा
हूँ तेरे संग अब मैं
नहीं कुछ यहाँ ,हैं घर वहाँ
जहां सूरज चमके तुम जाओ अब वहाँ
(हाँ)....(पर जानती हूँ)
तुम हो अपनी..पर छोड़ो भी..
हाँ हूँ तनहा पर , हूँ मैं आज़ाद भी..
रहे फ़ासला महफ़ूज़ तुम होगी
महफ़ूज़ ना कोई ,क्यूँ महफ़ूज़ ना कोई
तुम जानो कुछ भी नहीं
क्या जानू मैं नहीं
ऐरेंडेल मैं बर्फ़ हैं हर कहीं
आया हैं पहली बार यह लम्हा
यह तूफ़ान मुझे कर देगा बर्बाद
तबाही यह जादू
(डरे हमसे यह तूफ़ान)
वरना होगा यह और बेक़ाबू...
(डरना ना तुम कभी)
हैं डर ,चली जाओ अब घर
(सूरज भी चले संग तो हैं आज़ादी)
(हथेगी सर्दी की बर्फ़ सारी )
हाँ हैं हम साथ साथ