क्या मैं चंद्रमा का फूल हूं
या पानी जो रुका हुआ है?
मैं एक धुंध में पैदा हुई थी
जहां हवा उत्तर से आती है।
क्या मैं जंगली घास हूँ
या बरसात का आकाश?
आओ और मेरी मरीचिका में फंसो
मेरी भूरे आंखों में डूबने के लिए।
तुम जहां भी होैं, मैं तुम्हे पुकारती हूं
मुझे पता है तुम मुझे सुनते हो।
मुझे पता है कि तुम्हे आना होगा;
मेरा पिंजरा चौड़ चपट खुला है और मेरी जेल तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।
क्या मैं तारा या समुद्री शैवाल हूं?
क्या मैं जालसाज़ हूँ?
आओ और मेरी तरंगों में लिपट जाओ,
उनके पास खून का स्वाद है।
तुम जहां भी होै
मैं तुम्हे पुकारती हूं,
मुझे पता है तुम मुझे सुनते हो।
मुझे पता है कि तुम्हे आना होगा;
मेरा पिंजरा चौड़ चपट खुला है और मेरी जेल तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।
क्या मैं चंद्रमा का फूल हूं
या रुका हुआ पानी?
क्या मैं जंगली घास हूँ
या बरसात का आकाश?
मेरे मरीचिका में आओ
मेरे घोंसले के नीचे।