है जानेमन मेरी वनिता
भैंगी आँखें कितनी सुन्दर
दाँतों के पार दिखे है संसार
उसकी....याद से मरें छछूँदर
अरे! याद नहीं पाद!
चच्चा! सामने बच्चा है
झाड़ू सी हैं उसकी ज़ुल्फें
कौवे सी है मीठी ज़ुबान
वो बन जाती मेरी दुल्हन
अगर मैं होता बाँका जवान