वह स्कूल से लौट रही थी
फूलों के खेतों के बीचों-बीच
उसका दिल बड़ी दीवानगी से
भरा हुआ था गाँव के हेयरड्रेसर के बेटे की बाबत
वह स्कूल से लौट रही थी
उसकी हंसी उड़ रही थी
सूरजमुखी फूलों की सुगन्धित
हवा में
मैं, वह खुद को बता रही थी,
एक दिन लंबे लंबे बाल रखूँगी
दूर के एक शहर की गगनचुंबी इमारत में
मुझे अपना सच्चा प्रेमी मिलेगा
मैं, एक दिन, इस गांव की
पगडंडियों से आगे निकल जाऊँगी
मैं किसी की आँखों का एक सितारा बन जाऊँगी
यह सुबह के समाचार पत्रों की खबर होगी
वह स्कूल से लौट रही थी
और उछलती हुई गा रहा थी
वह गीत बना रही थी
समय की बाँसुरी पर
वह अपनी माँ के बारे में सोच रही थी
जिसकी ज़िंदगी बहुत तुच्छ थी
जिसका काम लोगों के कपडे इस्त्री करना
और बर्तन माँजना था
मैं कभी नहीं, उसने खुद से कहा
मैं वह जीवन नहीं जीऊँगी
लगता है आसमान में
एक फ़रिश्ते ने उसकी आवाज सुन ली
कॉफीघर में, गिरजे में
लोग सिर्फ उसी के बारे में बात कर रहे थे
रास्ते में मिले एक छोटे से सितारे की बाबत
जो सुबह के अखबार में छपा था
पड़ोस के गाँव के एक नन्हे सितारे से
जो सुबह के अखबार में छपा था