अब सब सलीब के आसपास रो रहे हैं,
फूल फेंके जा रहे हैं , मेरी बात हो रही है
यह एक सुंदर गर्मी का दिन है,
सभी ने खास कपड़े पहने हैं ।
शब्द जो निकलते हैं पर कहे नहीं जाते
हवा उन्हें मेरे पास ले आती है।
सब कुछ इतना स्पष्ट, इतना स्पष्ट, इतना स्पष्ट, इतना स्पष्ट लगता है
इस उचाई से जब नज़र पड़ती है
इस उचाई से आप सब बहुत नन्हे लगते हो
इस उचाई पर आ कर मेरा सारा दर्द छूमंतर हो गया है
यहां , सूर्य के अविश्वसनीय नज़ारे दिखते हैं
वह बारिश को अपने अंदर समां लेता है
मैंने वह बंधन तोड़ दिया है जिसने मुझे बाँध कर रक्खा हुआ था
रोजमर्रा की उलझनों की गांठ मैंने सुलझा ली है
सब कुछ इतना निरर्थक, इतना निरर्थक, निरर्थक लगता है
जब मैं इस उचाई से देखती हूँ
अपने आँसू सुखाओ, चैन की नींद सोओ।
मैं बिना नाटक और बिना पछतावे के रुक्सत हो रही हूँ
लेकिन यह इतनी सरलता , इतनी सरलता , इतनी सरलता से मैं कह पा रही हूँ
जब मैं इस उचाई पर हूँ
इस उचाई से आप सब बहुत नन्हे लगते हो
इस उचाई पर आ कर मेरा सारा दर्द छूमंतर हो गया है
यहां , सूर्य के अविश्वसनीय नज़ारे दिखते हैं
वह बारिश को अपने अंदर समां लेता है