पल पल मेरा तेरे ही संग बिताना है
अपनी वफ़ाओं से तुझे सजाना है
दिल चाहता है तुझे कितना बताना है
हाँ तेरे साथ ही मेरा ठिकाना हैअब थक चुके हैं ये कदम
चल घर चलें मेरे हमदम
होंगे जुदा ना जब तक है दम
चल घर चलें मेरे हमदम
ता उम्र प्यार ना होगा कम
चल घर चलें मेरे हमदम
मेरे रहो तुम और तेरे हम
चल घर चलें मेरे हमदम
ख़ुशबुओं से तेरी महके हर एक कमरा
दरों दीवार नहीं
काफी है तेरी पनाह
संग तेरे प्यार का जहां बसाना है
जिसमे रहें तुम और हम
चल घर चलें मेरे हमदम
मेरे रहो तुम और तेरे हम
चल घर चलें मेरे हमदम