तू ही यह मुझको बता दे
चाहूं मैं या न
अपने तू दिल का पता दे
चाहूं मैं या न
तू ही यह मुझको बता दे
चाहूं मैं या न
अपने तोह दिल का पटादे
चाहूं मैं या न
इतना बता दूँ तुझको
चाहत पे अपनी मुझको
यूँ तोह नहीं इख्तियार
फिर भी ये सोचा दिल ने
अब जो लगा हूँ मिलने
पूछूँ तुझे एक बारोहो
तू यह मुझको बता दे
चाहूं मैं या न
अपने तू दिल का पता दे
चाहूं मैं या न
ऐसी कभी पहले
हुई न थीं ख़्वाहिशें
किसी से भी मिलने
की न की थीँ कोशिशें
उलझन मेरी सुझा दे
चाहूं मैं या ना
आँखों आँखों में जाता दे
चाहूं मैं या न
मेरे छोटे छोटे खाब है
खाबों में गीत हैं
गीतों में ज़िन्दगी है
चाहत है प्रीत है
अभी मैं न देखूँ ख्वाब
वह जिनमें न तू मिले
ले खोले होठ मैंने
अब तक थे यह चूस ले
मुझको न जितना मुझपे
उतना इस दिल को तुझपे
होने लगा ऐतबार
तनहा लम्हों में अपने
बुनती हूँ तेरे सपने
तुझसे हो मुझको प्यारा
पूछूँगी तुझको कभी न
चाहूं मैं या न
तेरे खाबों में अब जीना
चाहूं मैं क्यों न.
तू ही यह मुझको बता दे
चहुँ मैं या ना
अपने तू दिल का पता दे
चहुँ मैं या न