कौन है इस दर्पण के पीछे
जिसकी निगाहें मुझ पर टिकी हैं ?
कोई है जो यहाँ पहले ज़िंदा लोगों में से एक था
और अब कहीं चला गया है, विधाता के नियम के तहत
उसकी निगाहें मेरी आँखों में सिमट कर रह गईं हैं
वह कौन है, जो मेरी शय्या में सो रहा है
और मेरे स्वपनों का स्वपन देखने की कोशिश कर रहा है?
कोई इस शय्या में यहीं मर गया है और अब मुझे बुला रहा है
दूर से मेरे सपनों में घुस कर
जो कुछ भी मैं करता हूं या नहीं करता हूँ
कई अन्य लोगों ने भी मुझ से पहले ऐसा ही किया था
और यही मेरी उचाट की वजह है:
ऐसी अनुभूति की जिस ढंग से मैं जी रही हूँ अथवा फिर लौट कर वही कोशिश करती हूँ
कई अन्य लोगों ने भी ऐसा ही किया है और उसी को दोहराने की बहुत कोशिश की है