मैं खुद से छुटकारा पाना चाहता हूँ , मैं खुद को रोकना चाहता हूं
मैं इस मन को त्याग कर चिल्लाना चाहता हूँ
मैंने सारे जीवन जी लिए हैं
समुद्र के भेष में रह कर
मैं हमेशा ऐसे नहीं जीऊँगा
ओह, तुम मुझे यहाँ नहीं रख सकते
मैं सूर्य के साथ भाग कर उस की तरह अस्त होना चाहता हूँ
मुझे एक आखिरी साँस चाहिए जिसे मैं बाहर न जाने दूँ
हर प्राणी को क्षमा करूँ
बुरी भावनाएँ, यह सिर्फ मेरे होने में हैं
मैं उत्तर की प्रतीक्षा नहीं करूँगा
ओह, तुम मुझे यहाँ नहीं रख सकते
ओह
ओह
मैं ऊँचा उठना चाहता हूं और शुभरात्रि कहना चाहता हूं
मैं अब दूसरी तरफ देखना चाहता हूँ
मैं ये सब जीवन जी चूका हूँ
आज रात बहुत अच्छी रही
मैं हमेशा ऐसे नहीं जीऊँगा
ओह, तुम मुझे यहाँ नहीं रख सकते
ओह
ओह
ओह