बस इसी को जीवन कहते हैं, लिली
जब तुम शहर की गलियों में जाती हो
तो सारी दुनिया तुम्हारी और तुम्हारी मुस्कान की तारीफ करती है
और तुम्हारी जवानी देख कर जवान लोग तुम्हारे सपने लेते हैं
बस इसी को जीवन कहते हैं, लिली
जब तुम शहर की गलियों में जाती हो
तुम्हारे पास रूप है पर वफ़ा नहीं
अक्सर तुम जवान लोगों से चोंचले करती हो
समय का चक्र घूम रहा है और समय बीतता जा रहा है
सब कुछ तुम्हारी आँखों के सामने घट रहा है और आइना गवाह है
फिर भी तुम इसे नहीं देख पा रही
बस इसी को जीवन कहते हैं, लिली
जब तुम शहर की गलियों में जाती हो
गुलाब या कुछ अन्य चीजें बेचने
फिर भी तुम लोगों को साथ इतनी रातें गवां देती हो
समय का चक्र घूम रहा है और समय बीतता जा रहा है
सब कुछ तुम्हारी आँखों के सामने घट रहा है और आइना गवाह है
फिर भी तुम इसे नहीं देख पा रही
बस इसी को जीवन कहते हैं, लिली
अब तुम शहर की गलियों में सोती हो
तुम काफी बूढ़ी हो चुकी हो और तुम्हे वह समय याद आता है
जब जवान लोग तुम्हे देखते ही तुम्हारा सपना लेने लगते थे
समय का चक्र घूम रहा है और समय बीतता जा रहा है
सब कुछ तुम्हारी आँखों के सामने घट रहा है और आइना गवाह है
फिर भी तुम इसे नहीं देख पा रही