चल चल वे तु बंदेया उस गलिये
जहां कोई किसी को ना जाने
चल चल वे तु बंदेया उस गलिये
जहां कोई किसी को ना जाने
क्या रहना वहाँ पर सुन बंदेया
जहां अपने ही ना पेहचाने
रह गए हैं जो तुझमें
मेरे लम्हे लौटा दे
मेरी आँखों में आके
मुझे थोड़ा रुला दे
चल चल वे तु बंदेया उस गलिये
जहां कोई किसी को ना जाने
ह्म्मम्म्म्म
ख्वाब जो हुए हैं खंडर
ख्वाब ही नहीं थे
इक नींद थी नीम सी
हाय
खो दिया है तूने जिसको
तेरा ही नहीं था
इक हार थी जीत सी
कितना रुलायेगा ये तो बता
रब्बा वे तुझे है तेरे रब दा वास्ता
चल चल वे तु बंदेया उस गलिये
जहां कोई किसी को ना जाने
क्या रहना वहाँ पर सुन बंदेया
जहां अपने ही ना पेहचाने
ह्म्म्मम्म्म्मम
ह्म्म्मम्ममम