ऐ मेरे वतन के लोगों
तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का
लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर
वीरों ने है प्राण
गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो
कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर ना आये
जो लौट के घर ना आये
ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
तुम भूल ना जाओ उनको
इसलिए सुनो ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
सो गए अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
कोई सिख, कोई जाट मराठा
कोई सिख, कोई जाट मराठा
कोई गुरखा, कोई मदरासी
कोई गुरखा, कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला
सरहद पर मरनेवाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर
वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बंदुक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गए होश गँवा के
जब अंत समय आया तो
कह गए के अब मरते हैं
खुश रहना देश के
प्यारों
खुश रहना देश के
प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हैं
अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
जय हिंद
जय हिंद की सेना
जय हिंद
जय हिंद की सेना
जय हिंद, जय हिंद, जय
हिंद