वक्त के साथ,
वक्त के साथ, कुछ नहीं रहता , सब कुछ चला जाता है
चेहरा तक भूल जाता है, आवाज़ तक भूल जाती है
जब दिल और नहीं धड़कता
और कोशिश करनी बेमायने हो जाए
जो हो रहा है, उसे होने दो
वक्त के साथ,
वक्त के साथ, कुछ नहीं रहता , सब कुछ चला जाता है
जिस दूसरे से हमने प्यार किया, जिसे हम बारिश में मिलने निकल पड़ते थे
जिसकी दूर मोड़ से एक नज़र को हम पहचान लेते थे
अनकहे शब्दों में, कहे शब्दों में और
एक बनावटी शपथ के मेक-अप के नीचे जो रात में गायब हो जाती है।
समय के साथ सब कुछ फीका पड़ जाता है
वक्त के साथ
वक्त के साथ सब कुछ खत्म हो जाता है
यहां तक कि सबसे अच्छी यादें।
आप को नरक की तरह दिखती हैं!
बाजार में, उस जगह जाता हूँ जहां मृत्यु के अवसर की चीज़ें मिलती हैं
शनिवार की रात, जब संवेदनशीलता अपने आप ख़त्म हो जाती है
वक्त के साथ,
वक्त के साथ, कुछ नहीं रहता , सब कुछ चला जाता है
आप जिस पर विश्वास करते थे बिना किसी वजह के उसकी हर बात पर
जिसके लिए आप अपनी जान और घर के बचे-खुचे गहने तक बेच देते,
जिसके लिए कुछ पैसे जुटाने के लिए आप अपनी ज़मीर तक बेच देते
जिसके आगे आप एक हुकम में रह सकते थे एक बेगैरत कुत्ते की तरह
वक्त के साथ, कुछ नहीं रहता , सब कुछ चला जाता है
वक्त के साथ,
वक्त के साथ, कुछ नहीं रहता , सब कुछ चला जाता है
आप जुनूनी मुहब्बत के जज़्बे को को भूल जाते हो और आप उन ममतामय आवाज़ों को भूल जाते हो
जिन्होंने चुपचाप आपको आम लोगों के अल्फ़ाज़ों में घर से जाते वक्त कहा था
"बहुत देर से घर मत आना, विशेष रूप से ठंड का ख्याल रखना "।
वक्त के साथ,
वक्त के साथ, कुछ नहीं रहता , सब कुछ चला जाता है
और आप थके हुए घोड़े की तरह सफ़ेद पड़ जाते हो
और आप किसी के बिस्तर में बर्फीली ठंड महसूस करते हो
और आप बहुत अकेला महसूस करते हो, लेकिन फिर भी आपको आराम है
और खोए हुए वर्षों की वजह से आप को सब धुंधला नज़र आता है
वास्तव में,
वक्त के साथ, अब आप के दिल में प्यार नहीं रहा