आधा है चंद्रमा, रात आधी
रह ना जाए तेरी मेरी बात आधी, मुलाकात आधी
पिया आधी है प्यार की भाषा
आधी रहने दो मन की अभिलाषा
आधे छलके नयन, आधे ढलके नयन
अभी पलकों में भी है बरसात आधी
आस कब तक रहेगी अधूरी
प्यास होगी नहीं क्या ये पूरी
प्यासा प्यासा पवन, प्यासा प्यासा गगन
प्यासे तारों की भी है बारात आधी
सूर आधा ही श्याम ने साधा
रहा राधा का प्यार भी आधा
नैन आधे खिले, होंठ आधे हीले
रही मन में मिलन की वो बात आधी