हो ये कहते हैं लोग, है खूबसूरत सा देस
जहाँ कारवाँ के है हुजूम
वहाँ भूरी ज़मीं , कोई ग़म ना कहीं
है सेहरा एक, पर है उसकी धुन !
वहाँ पूरब की चीज़ और पश्चिम के भेस
और करिश्मों की मीठी बात
जादू सा दे दिखाए, ये कालीन हवाई
आगाज़ अब है अरब की ये रात!
गली गुचो में घूम, देखो अरबी बाजार
प्यार इलाइची सा खुशबूदार
इत्र के खत पढ़ो, मोलभाव करो
रेशमी मखमली बहार
धीमी सरगम चली, जादू की ये गली
हैराँ करने के है हालात
यहां मस्ती सौगात, है सितारों की बात
आगाज़ अब है अरब की ये रात!
अरब की ये रात, और अरब के ये दिन
इन्हे आ भी जा, हां ले ले मज़ा, हां संभलके लेकिन
अरब की ये रात, ख्वाबों का जहाँ
रेगिस्तां में चाँद, वफ़ा का आह्वान है होता वहां
ये सड़क है जो जाती, गलत या सही पर मोहब्बत में ताकत दिखाए
अब अँधेरा खुले या उजाला रहे, देखो किस्मत में क्या है लिखा
अरब की ये रात, जैसे दिन की हो बात
क्या इसमें भला, आ देखें ज़रा, हाँ ले ले मज़ा
अरब की ये रात, ये हसीं चांदनी
न एक बेअकल, गया यूँ फिसल, तो कहानी बनी!