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अपना धार्मिक स्वभाव [Apana dhaarmik svabhaav] lyrics
अपना धार्मिक स्वभाव [Apana dhaarmik svabhaav] lyrics
turnover time:2024-10-09 01:21:48
अपना धार्मिक स्वभाव [Apana dhaarmik svabhaav] lyrics

अपना धार्मिक स्वभाव परमेश्वर करता है अभिव्यक्त

अनूठे तरीकों और सिद्धांतों से,

किसी व्यक्ति, घटना या वस्तु के नियंत्रण के नहीं अधीन।

कोई बदल नहीं सकता उसके विचार और सोच को,

कोई तैयार नहीं कर सकता उसे अलग राह पर चलने को।

यह है अनूठा स्वभाव सृष्टिकर्ता के धार्मिक स्वभाव का।

यह है अनूठा स्वभाव सृष्टिकर्ता के धार्मिक स्वभाव का।

अपनी सभी रचनाओं के कर्मों और सोच का,

अपनी सभी रचनाओं के कर्मों और सोच का

परमेश्वर अपने धार्मिक स्वभाव से करता है न्याय।

उसके आधार पर वो ज़ाहिर करता है अपना क्रोध या अपनी दया।

कोई बदल नहीं सकता उसका क्रोध या दया।

सिर्फ़ उसका तत्व कर सकता है इस राह पर फ़ैसला।

यह है अनूठा स्वभाव सृष्टिकर्ता के धार्मिक स्वभाव का।

यह है अनूठा स्वभाव सृष्टिकर्ता के धार्मिक स्वभाव का।

परमेश्वर का धार्मिक स्वभाव, पवित्र और अनूठा,

परमेश्वर का धार्मिक स्वभाव, पवित्र और अनूठा,

कोई उल्लंघन नहीं कर सकता, न ही उठा सकता इस पर प्रश्न।

कोई नहीं कर सकता इसे हासिल, सृजित या गैर-सृजित।

परमेश्वर का क्रोध है पवित्र, कर सकते नहीं इसका अपमान,

उसकी दया भी उसी स्वभाव को दर्शाती।

यह है अनूठा स्वभाव सृष्टिकर्ता के धार्मिक स्वभाव का।

यह है अनूठा स्वभाव सृष्टिकर्ता के धार्मिक स्वभाव का।

कोई ले नहीं सकता परमेश्वर की जगह उसके कार्यों में,

सृजित या गैर-सृजित।

न ही कर सकता है सोदोम को नष्ट

या नीनवे को बचाने का कार्य, जैसा किया परमेश्वर ने।

यह है अनूठा स्वभाव सृष्टिकर्ता के धार्मिक स्वभाव का।

यह है अनूठा स्वभाव सृष्टिकर्ता के धार्मिक स्वभाव का।

"वचन देह में प्रकट होता है" से

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