मित्र, निष्ठावान बंधू, सच्चे साथी
तुम जो विदेशों में किए कितने ही साहसिक कार्यों में मेरे पराक्रमी साथी रहे हो
मित्र तुम ऐसे आदमी की तरह बोलते हो जिसका दिल बच्चे जैसा है
जहाँ भी भाग्य मुझे ले जाता है मैं वहां तुम्हे अपने पास पाता हूँ
मुझे याद हैं वे ढेर सारे समुन्द्री और मैदानी युद्ध जो हमने साथ-साथ लड़े
तुम हमेशा केवल शान्ति चाहते थे और इसी वजह से तुमने युद्ध लड़े
मैं जानता हूँ कि दिल वह घर है जिसके किवाड़ खुले रहते हैं
मित्र! अनिश्चित समय में केवल तुम्ही हो जिसकी निष्चिता अडिग है
कभी-कभी जब जीवन में विपदा पड़ती है
और हमें ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत होती है जो हमें उससे निजात दिला सके
तब तुम अपने निष्ठा से भरे शब्दों और साहस से
मुझे नैश्चित्य प्रदान करते हो कि मैं कभी भी अकेला नहीं हूँ
मित्र, हर पल के निष्ठावान बंधू
हर आगमन पर एक मुस्कराहट और आनन्दमय आलिंगन
तुम इतने स्पष्ट शब्दों में इतनी गहरी सच्चाई कह देते हो
मित्र! अनिश्चित समय में केवल तुम्ही हो जिसकी निष्चिता अडिग है
निसंदेह रूप से मुझे यह सब कुछ नहीं कहना चाहिए जो मैं कह रहा हूँ
पर यह जान कर बहुत ख़ुशी होती है कि मेरा मित्र इतना अच्छा है
निसंदेह रूप से मुझे यह सब कुछ नहीं कहना चाहिए जो मैं कह रहा हूँ
पर यह जान कर बहुत ख़ुशी होती है कि मेरा मित्र इतना अच्छा है