क्या करूँगा बिना देखे तुम्हारा सुंदर चेहरा?
खिंचे मुझे तुम्हारी ओर,और करता मुझे खुद से दूर
घूमने लगती हैं दुनिया,मज़ाक़ नहीं है यह
कैसे रख लूँ तुम्हें खुद से बाँध के
आख़िर क्या चल रहा हैं तुम्हारे इस ख़ूबसूरत मन में?
मैं चल पड़ा हूँ तुम्हारे जादुई सफ़र पे,
घूम रहा मेरा दिमाग़,पता नहीं क्या हुआ हैं मुझे, पर मैं हो जाऊँगा ठीक
लगता है जैसे मेरा मुँह हैं पानी में
फिर भी लें रहा हूँ साँसें
तुम हो बिलकुल पागल,और मेरा दिमाग़ नहीं ठिकाने पर
क्यूँकि मेरा हर कतरा कतरा
करता हैं तुम्हारी हर चीज़ से प्यार
करता हूँ प्यार,तुम्हारे ख़ूबसूरत शरीर की बनावट से,
तुम्हारी उत्तम ख़ामियों से
सौंप दो तुम सब अपना मुझे
और मैं सब अपना तुम्हें
तुम्हीं मेरी शुरुआत तुम्हीं मेरा अंत,
हार में भी हैं मेरी जीत
क्यूँकि सौंप दिया मैंने तुम्हें सब कुछ,
और तुमने तुम्हारा सब कुछ
कितनी बार मैं यह बताऊँ तुम्हें?
जब रोती हो तब भी तुम हो ख़ूबसूरत
दुनिया देता तुमको तकलीफ़
पर मैं हूँ हर वक़्त तुम्हारे पास
तुम्हारी मेरी निराशा,तुम ही मेरी प्रेरणा,
मेरा बहकावा,धुन और सरगम
ना रोक पाता हूँ खुद को गाने से,
मेरे मन में बजता है संगीत,तुम्हारे लिए
लगता है जैसे मेरा मुँह हैं पानी में
फिर भी लें रहा हूँ साँसें
तुम हो बिलकुल पागल,और मेरा दिमाग़ नहीं ठिकाने पर
क्यूँकि मेरा हर कतरा कतरा
करता हैं तुम्हारी हर चीज़ से प्यार
करता हूँ प्यार,तुम्हारे ख़ूबसूरत शरीर की बनावट से,
तुम्हारी उत्तम ख़ामियों से
सौंप दो तुम सब अपना मुझे
और मैं सब अपना तुम्हें
तुम्हीं मेरी शुरुआत तुम्हीं मेरा अंत,
हार में भी हैं मेरी जीत
क्यूँकि सौंप दिया तुमने तुम्हारा सब कुछ
और अपना मैंने तुम्हें सब कुछ
खोल दिये हमने अपने दिल एक दूजे के लिये,
यह जानते हुए भी कि यह नहीं जोखिम से ख़ाली और कठिन
क्यूँकि मेरा हर कतरा कतरा
करता हैं तुम्हारी हर चीज़ से प्यार
करता हूँ प्यार,तुम्हारे ख़ूबसूरत शरीर की बनावट से,
तुम्हारी उत्तम ख़ामियों से
सौंप दो तुम सब अपना मुझे
और मैं सब अपना तुम्हें
तुम्हीं मेरी शुरुआत तुम्हीं मेरा अंत,
हार में भी हैं मेरी जीत
क्यूँकि सौंप दिया अपना मैंने तुम्हें सब कुछ
और तुमने तुम्हारा सब कुछ
सौंप दिया अपना मैंने तुम्हें सब कुछ ,
और तुमने तुम्हारा सब कुछ