ऐ खुदा तू बता तेरा क्या नाम हैं
तू है रहता कहा तेरा क्या काम है (x2)
क्या हे तेरी हक़ीक़त जो गुमनाम हैं
तुझ पर खुद को छुपाने का इल्ज़ाम हैं
तूने दुनिया बनायी क्यू,मक़सद बता
रूहें इसमें बसायीं क्यू,मतलब जता(x2)
तेरे जलवों से रोशन ज़मीन आसमान
क्यू किसी को नज़र तू ना आता यहाँ
तेरा पर्दानशीन का अंजाम हैं
ढूँढता आज भी तुझको इंसान है
धर्म मज़्ज़हब में हे तेरे चर्चे बायाँ
शान में तेरी लिखते है तेरे पर्चे वहाँ(x2)
सब के भगवान अपने अपने
ना समझ तुझको समझे ना लड़ते यहाँ
तू समझदार होके भी अनजान है
है बदी करते इंसान तू बदनाम हैं
तूने जन्नत बनायी की महनत भी की
फिर यह दोज़ाक को लाने की ज़हमत क्यू की(x2)
खेल कैसा गजब था,ग़ज़ब ढा दिया
नेकियों को बदी से मिला जो दिया
लेना कब तक तुम्हें सबका इम्तिहान हे
अब सभी के दिलो में अरमान है
ऐ ख़ुदा (repeat)