ओह यह वेदना जो कभी पीछा नहीं छोड़ती !
ओह यह मेरा दिल !
ओह, मुझे इस पर दया आती है !
ओह मेरा अकेलापन !
ओह, मेरा दर्दनाक बचपन !
हाय मैंने कुछ भी अच्छा नहीं देखा !
ओह मेरा अनर्थक जीवन !
ओह मेरी सुबोधगम्यता जो मुझे यंत्रणा देती रहती है !
ओह यह मेरी मनोव्यथा
जो रुकने का नाम नहीं लेती !
ओह मेरा अतीत जिसको याद करने का मन नहीं करता !
मुझ में कोई लगाव नहीं कोई आसक्ति नहीं !
हाय मैं जी रहा हूँ
यह विषाद भरी ज़िंदगी !
हाय मैं जी रहा हूँ वह सब कुछ जो मुझे समझ नहीं आ रहा
वह सब कुछ जो समझ तो आ रहा है पर मैं चाहता नहीं !