ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इंतजार
सुन सदायें दे रही हैं, मंज़िल प्यार की
अब हैं जुदाई का मौसम, दो पल का मेहमान
कैसे ना जायेगा अंधेरा, क्यो ना थमेगा तूफान
कैसे ना मिलेगी, मंज़िल प्यार की
प्यार ने जहा पे रखा हैं, झूम के कदम एक बार
वही से खुला हैं कोई रस्ता, वही से गिरी हैं दीवार
रोके कब रुकी हैं, मंज़िल प्यार की