पाखी पाखी परदेसी X ४
ऐ अजनबी तू भी कभी
आवाज़ दे कहीं से
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूं X २
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी
आवाज़ दे कहीं से
ऐ अजनबी तू भी कभी
आवाज़ दे कहीं से
रोज़ रोज़ रेशम सी हवा
आते जाते कहती है बता
रेशम सी हवा कहती है बता
वो जो दूध धुली मासूम कली
वो है कहां, कहां है?
वो रोशनी कहां है
वो जानसी कहां है
मैं अधूरा, तू अधूरी
जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी
आवाज़ दे कहीं से
ऐ अजनबी तू भी कभी
आवाज़ दे कहीं से
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूं X २
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी
आवाज़ दे कहीं से
पाखी पाखी परदेसी X ४
तू तो नहीं है लेकिन
तेरी मुस्कुराहटें हैं
चेहरा कहीं नहीं है
पर तेरी आहटें हैं
तू है कहां, कहां है
तेरा निशान कहां है
मेरा जहां कहां है
मैं अधूरा, तू अधूरी
जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी
आवाज़ दे कहीं से
ऐ अजनबी तू भी कभी
आवाज़ दे कहीं से
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूं X २
तू कहीं टुकड़ों में जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी
आवाज़ दे कहीं से
ऐ अजनबी तू भी कभी
आवाज़ दे कहीं से