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आदमी मुसाफिर हैं [Admi Musafir Hai] lyrics
आदमी मुसाफिर हैं [Admi Musafir Hai] lyrics
turnover time:2024-11-05 03:39:47
आदमी मुसाफिर हैं [Admi Musafir Hai] lyrics

आदमी मुसाफिर हैं, आता हैं, जाता हैं

आते जाते रस्तें में, यादें छोड जाता हैं

झोंका हवा का, पानी का रेला

मेले में रह जाये जो अकेला

फिर वो अकेला ही रह जाता हैं

कब छोडता हैं, ये रोग जी को

दिल भूल जाता हैं जब किसी को

वो भूलकर भी याद आता हैं

क्या साथ लाये, क्या तोड़ आये

रस्तें में हम क्या क्या छोड आये

मंजिल पे जा के याद आता हैं

जब डोलती हैं, जीवन की नैय्या

कोई तो बन जाता हैं खिवय्या

कोई किनारे पे ही डूब जाता हैं

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