आ री आ जा, निंदिया तू ले चल कहीं
उड़न खटोले में दूर दूर दूर यहाँ से दूर
आ री आ जा
मेरा तो यह जीवन तमाम मेरे यार भरा दुख से
पर मुझको जहाँ में मिला सुख कौन बड़ा तुझ से
तेरे लिये मेरी जान ज़हर हज़ार मैं पी लूँगा
त्यज दूँगा दुनिया एक तेरे संग जी लूँगा
ओ नज़र के नूर
यह सच हैं के मैं अगर सुख चैन तेरा चाहूँ
तेरी दुनिया से मैं फिर कहीं अब दूर चला जाऊँ
नहीं मेरे डॅडी ऐसी बात फिर से ना कहना
रहेगा ना जब तू फिर मुझको भी नहीं रहना
ना जा तू हमसे दूर