आज इंतेहान है, इंतेहान है
आज इंतेहान है
आज की रात तू मेरा मेहमान है
आज इंतेहान है
मस्त नज़र से मैं जाम तोड़ दूँगी
पिने नहीं दूँगी, मैं पिने नहीं दूँगी
मस्त नज़र से मैं जाम तोड़ दूँगी
पिने नहीं दूँगी, मैं पिने नहीं दूँगी
इंतेहान है, मेरा इंतेहान है
इंतेहान है, तेरा इंतेहान है
बरसों से पी रहा है, मर-मर के जी रहा है
बरसों से पी रहा है, मर-मर के जी रहा है
इसका ग़ुलाम बनके, शीशे का जाम बनके
गिरकर न टूट जाना, मुझसे न रूठ जाना
ग़म का इलाज मैं हूँ, मस्ती में आज मैं हूँ
कितनी है प्यास राजा, आ, मेरे पास आजा
मतलब तो है नशे से, पानी से हो के मैं से
रोको ना मैक़शी से, पर तेरी ज़िन्दगी से
मेरी जान हैं
आज इंतेहान है
इंतेहान है, तेरा इंतेहान है
ओ, नौजवाँ शराबी, पिने में है ख़राबी
ओ, नौजवाँ शराबी, पिने में है ख़राबी
ये शब है खूबसुरत, जिस शय है तुझे ज़रूरत
वो सामने है तेरे, तू सामने है मेरे
दोनों के दिल है बोझल, दिवार है ये बोतल
है बोतल में अक्स तेरा, महफ़िल में रक़्स मेरा
बाहर से आ निकल के, लग जा गले मचल के
ये ज़हर तू न पीना के तुझसे ये हसीना
आज मेहरबान हैं
आज इंतेहान है
इंतेहान है, तेरा इंतेहान है
मस्त नज़र से मैं जाम तोड़ दूँगी
पिने नहीं दूँगी, मैं पिने नहीं दूँगी
मस्त नज़र से मैं जाम तोड़ दूँगी
पिने नहीं दूँगी, मैं पिने नहीं दूँगी
इंतेहान है, मेरा इंतेहान है
इंतेहान है, तेरा इंतेहान है