आ अब लौट चले
नैन बिछाये, बाहें पसारे, तुझ को पुकारे देश तेरा
सहज हैं सीधी राह पे चलना, देख के उलझन बच के निकलना
कोई ये चाहे माने ना माने, बहोत हैं मुश्किल गिर के संभालना
आँख हमारी मंज़िल पर हैं, दिल में खुशी की मस्त लहर हैं
लाख लुभाये महल पराये, अपना घर फिर अपना घर हैं