ले चलूं मैं वहा
झिलमिल तारो का यह जहाँ
बोलो रानी
क्या तूमने मानी अपने दिल की बात
मैं दिखाऊं तुमहे
दुनिया प्यारी यह सुंदर
पंख लेकर
क्या हम-तुम उड़ते रहे सारी रात
सपनों का जहाँ
नया सब कुछ
नई खुशबू
हमें कोई रोके ना
या टोके ना
करे जो दिल कहे
सपनों का जहाँ
ऐसी जगह देखी नहीं
यह दिल कहता हैं यूँ
लगता हैं यूँ
मिल गया सपनों का जहाँ और तू
(मिल गया सपनों का जहाँ और तू)
आखों पे ना यकीन
दिल भी माने नहीं
उड़ते-फिड़ते चले हम तारो की बारात में
सपनों का जहाँ
(पलके झपके नहीं)
लाखों झलक हैं देखने
(देखो दिल थाम कर)
हाँ, मैं हूँ वह लहर
जो लौटकर किनारो पर कभी जाती नहीं
सपनों का जहाँ
(हर मंज़िल हैं नई)
नई मंज़िले हैं ढूंढनी
(पल-पल लगे सूनहरा)
दिल में हैं एक आस
अरमान हैं खास
हम-तुम अपना ले सपनों का जहाँ
सपनों का जहाँ (सपनों का जहाँ)
हम होंगे वहा (हम होंगे वहा)
बनेगी बात (रहेंगे साथ)
बस तुम ओर मैं