वाह, बेहतर कल, कल, कल
मैं अनेकों उपाय सोच सकता हूं कि जीवन बदल सकता है
अनेकों वजह हैं कि आदमी क्यों पागल हो सकता है
तो माएं , अपने चेहरे पर मुस्कान रखने के लिए अपने बच्चों को बतायें
जैसे ही वे एक लंबे जीवन की यात्रा पर निकलते हैं
बेहतर कल, कल, कल,
बेहतर कल, कल, कल
बेहतर दिन एक दिन ज़रूर आएंगे और जब वह दिन आएगा तो ठहर जाएगा
बेहतर कल, कल, कल
उस आदमी के टूटे हुए टुकड़े हैं जो बात करना चाहता हैं
दीवार पर उसकी टूटी हुई प्रतिमायें एक छाया की तरह हैं
टुकड़े उठाओ, टुकड़े उठाओ
जब तक अंतिम गीत गाया नहीं जाता तब तक तमाशे पर पर्दा नहीं गिरा
बेहतर कल, कल, कल
बेहतर कल, कल, कल
बेहतर दिन एक दिन ज़रूर आएंगे और जब वह दिन आएगा तो ठहर जाएगा
बेहतर कल, कल, कल
सुन्दर होगा, सुन्दर, सुन्दर होगा
यह सुन्दर होगा,सुन्दर होगा
बेहतर कल, कल, कल
बेहतर कल, कल, कल
बेहतर दिन एक दिन ज़रूर आएंगे और जब वह दिन आएगा तो ठहर जाएगा
बेहतर कल, कल, कल
मैं अनेकों उपाय सोच सकता हूं कि जीवन बदल सकता है
अनेकों वजह हैं कि आदमी क्यों पागल हो सकता है
तो माएं , अपने चेहरे पर मुस्कान रखने के लिए अपने बच्चों को बतायें
जैसे ही वे एक लंबे जीवन की यात्रा पर निकलते हैं
बेहतर कल, कल, कल,
बेहतर कल, कल, कल
बेहतर दिन एक दिन ज़रूर आएंगे और जब वह दिन आएगा तो ठहर जाएगा
बेहतर कल, कल, कल,
बेहतर कल, कल, कल
बेहतर दिन एक दिन ज़रूर आएंगे और जब वह दिन आएगा तो ठहर जाएगा
बेहतर कल, बेहतर कल
सुन्दर होगा
बेहतर कल, बेहतर कल
सुन्दर होगा
बेहतर कल, बेहतर कल
सुन्दर होगा
बेहतर कल, बेहतर कल
सुन्दर होगा