ख़ुद ही दिल का रोग लगाए
ख़ुद ही बैठा, रोए
नयना रे नयना
तुझसे बुरा न कोई
नयना रे
तू ही बुरा
तुझसे बुरा न कोई
ख़ुद ही दिल का रोग लगाए
ख़ुद ही बैठा रोए
नयना रे
सब की प्रेम कहानियाँ
दिल के बेचैनियाँ
तू ही शुरू करवाए
आँसू बनके छलका जाए
दिल का पैमाना
इश्क़ में हैं इतने सदमे
दिल ने न जाना
अब इक पल की भी दूरियाँ
मुझसे सही जाए न
दर्द भरी तन्हाईयाँ
मुझसे सही जाए न
टूटे सपने बिखरे अरमाँ
क्या हुआ हासिल
बेबसी का छाया आलम
क्या करे यह दिल
काटे कटे न रतियाँ
मुश्किल जुदाई बड़ी
याद आए बीती बतियाँ
लागी युगों सी घड़ी