तुम एक स्वप्नद्रष्टा हो
इस दुनिया को पटरी पर लाने के लिए
मैं हमेशा के लिए घर में रहूँगा।
जहां दो और दो हमेशा पाँच ही रहते हैं
मैं रेल की पटरियां बिछाऊंगा और खाइयों के पीछे छिप जाऊंगा
मैं मानूंगा कि अप्रैल में जनवरी की तरह ही बारिश होती है
और दो और दो हमेशा पांच होते हैं
इस पर अब शैतान का आधिपत्य है
और कोई भी उसके शिकंजे से बच कर नहीं निकल सकता
चाहे शोर मचाओ या चिल्लाओ
अब बहुत देर हो चुकी है।
क्योंकि तुम समय रहते सतर्क नहीं थे
मैं दूसरों के साथ गीत गाने की कोशिश करता हूं
और मुझे लगता है कि मैं कुछ गलत कर रहा हूं।
क्योंकि मैं ... नहीं!
मैं उन्हें मक्खियों की तरह डराता हूं
लेकिन मक्खियों की तरह ये मूर्ख लोग ...
वापस वही के वही रहते हैं!
पर मैं नहीं, शायद नहीं
सभी चोर की सराहना करते है!
खैर, मैं नहीं!
मुझ पर सवाल मत करो
मुझे कटघरे में मत खड़ा करो
क्योंकि मैं नहीं!
जाकर राजा से फरियाद करो कि आकाश टूट कर गिर रहा है
जबकि ऐसा नहीं है, शायद नहीं...