ऐसा मत सोचो, मैं तुम्हें ठेस पहुँचाना नहीं चाहता था,
क्योंकि यह मेरा इरादा नहीं था,
मैंने तो केवल अपने दिल से बात कही है ।
इसमें कोई संदेह नहीं कि तुम मेरे लिए कुछ भी महसूस नहीं करते हो ,
मैं समझता हूँ, मुझे कोई ऐतराज नहीं ,
लेकिन जाने से पहले मैं तुम्हें बताना चाहता हूं,
कि तुम जहां भी जाओगी तुम्हें कोई न कोई लंपट मिल ही जाएगा
जो तुमसे रूमानी बातें करेगा
जहाँ भी तुम जाओगी
देर - सवेर,
कोई तुम्हारा हाथ छुएगा
और तुम अपनी आंखों से एक चुंबन के लिए कहोगी ...
तब तुम समझ जाओगी
इस तरह प्यार को महसूस करना कैसा होता है,
तुम अब नहीं चाहोगी कि कोई तुम पर हंसे
या दया करे
तब तुम केवल सोचोगी कि
क्या वह तुम्हारे प्रति वही प्यार महसूस करता है ...
यदि तुम सही हो , तो तुम अंत में खुश हो जाओगी ,
लेकिन अगर ऐसा नहीं है , तो तुम आंसुओं में सोचोगी ...
जहाँ भी तुम जाओगी
देर - सवेर,
कोई तुम्हारा हाथ छुएगा
और तुम अपनी आंखों से एक चुंबन के लिए कहोगी ..
.तब तुम समझ जाओगी
इस तरह प्यार को महसूस करना कैसा होता है,
तुम अब नहीं चाहोगी कि कोई तुम पर हंसे
या दया करे
तब तुम केवल सोचोगी कि
क्या वह तुम्हारे प्रति वही प्यार महसूस करता है ...
यदि तुम सही हो , तो तुम अंत में खुश हो जाओगी ,
लेकिन अगर ऐसा नहीं है , तो तुम आंसुओं में सोचोगी ...