जो मैं जानती के प्रीत करे दुख होय
तो नगर ढिंढोरा पीटती कहती प्रीत ना करियो कोई
जो मैं जानती कि मैं खुद बैरी होय
हर डगर ढिंढोरा पीटती कहती प्रीत ना करियो कोई
जो मैं जानती के प्रीत करे दुख होय
तो नगर ढिंढोरा पीटती कहती प्रीत ना करियो कोई
जो मैं जानती कि मैं खुद बैरी होय
हर डगर ढिंढोरा पीटती कहती प्रीत ना करियो कोई
तो नगर ढिंढोरा पीटती कहती प्रीत ना करियो कोई
हर डगर ढिंढोरा पीटती कहती प्रीत ना करियो कोई
काश के यूँ हो जावे नींद मेरी खुल जावे
और कोई कह दे हमसे ये सपना था
काश के यूँ हो जावे नींद मेरी खुल जावे
और कोई कह दे हमसे ये सपना था
की सपना तह० पर सच न था
क्या जानू मैं कौन है सपना और सच कैसा होये
जो मैं जानती के प्रीत में पागल होए
तो ढोल नगाड़ा पीट के कहती प्रीत ना करियो कोई
जो मैं जानती के मैं खुद बैरी होय
हर डगर ढिंढोरा पीटती कहती प्रीत ना करियो कोई
नैन बाणे बंजारे फिरते मरे मरे
हर पल तेरी बाट निहारे पल पल भर भर आये
नैन बाणे बंजारे फिरते मारे मरे
हर पल तेरी बाट निहारे पल पल भर भर आये
पल पल भर भर आये
मन मोरा मुरझाये काहे तरसे
बदरा बरसे दिल से निकले हाय
जो मैं जानती के प्रीत मैं पागल होय
तो ढोल नगाड़ा पीट ती कहती प्रीत ना करियो कोई
जो मैं जानती के मैं खुद बैरी होय
हर डगर ढिंढोरा पीटती कहती प्रीत ना कार्यो कोई
प्रीत न कार्यो कोई