ना कोई मौसम तुमसे अच्छा ,
और ना कोई मंज़र तुमसे अच्छा ,
हा राहना हैं संग तेरे ,
तुम जो मिले ,
तो लगी जिंदगी ये नई नई,
अब ना तुम बिन जी पाउँगा ,
तुम तोड़ो ना दिल मेरा,
नहीं जीना यूँ तेरे बिन,
तुम तोड़ो ना दिल मेरा,
नहीं जीना यूँ तेरे बिन,
तुम बिन में देखो तो ,
क्या से क्या हो बैठा ,
तुमको जो खोया तो,
खुद को भी खो बैठा ,
मुझको तू ढूँढे ,
तो खुद को में पा लूंगा,
में तेरे बदले ,
में जन्नत भी ना लूँगा ,
तुम तोड़ो ना दिल मेरा,
सपनो के बिन आँखों की जैसे कीमत कोई ना,
वैसे हूँ में तेरे बिन , मेरी चाहत कोई ना ,
दर्दो का घेरा हे,
सांसें जिसको कहता हूँ,
तेरी सूरत मरहम है ,
दूजी रहत कोई ना ,
चाँद कैसे हासिल होगा यह बता,
फूलो का किसे से क्या हे वास्ता,
तू ना देखना ख्वाब रेसम के,
तेरे आँसू हैं ग़म के,
तुम तोड़ो ना .... दिल मेरा,
नहीं जीना यु तेरे बिन,
बीन तेरे बेईमानी हैं मेरी जिंदगानी
ना तेरे बीन जीना ।
नहीं जीना यु तेरे बिना ,
हार्दिक आहिर