भाई रे
गंगा और जमुना की गहरी है धार
आगे या पीछे सबको जाना है पार
धरती कहे पुकारके, बीज बिछा ले प्यार के
मौसम बीता जाए, मौसम बीता जाए
अपनी कहानी छोड़ जा, कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इस ओर, तू फिर आए न आए
मौसम बीता जाए, मौसम बीता जाए
तेरी राह में कलियों ने नैन बिछाए
डाली-डाली कोयल काली तेरे गीत गाए
अपनी कहानी छोड़ जा, कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इस ओर, तू फिर आए न आए
मौसम बीता जाए, मौसम बीता जाए
भाई रे
नीला अंबर मुस्काए, हर साँस तराने गाए, हाय तेरा दिल क्यूँ मुरझाए
मन की बँसी पे तू भी कोई धुन बजा ले भाई, तू भी मुस्कुरा ले
अपनी कहानी छोड़ जा, कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इस ओर, तू फिर आए न आए