बराहसिंहे हैं लोगों से अच्छे
स्वेन मैं सही हूँ ना
(हाँ इंसान लड़ते हैं,झूठी बात करते हैं
कोई अच्छा नहीं तुम जैसा)
पर लोगों से आती हैं ख़ुशबू
बराहसिंहे से आती नहीं
(बात फिर से हैं सही,पर ख़ुशबूदार तुम नहीं)
सही कहा,चलो सो जा यही
मिलेंगे सपनो मै हम कही