मेरी गाये और हवा में घूमती लहराये
और करूँ मैं वही जो बर्फ़ करे गर्मी में
शर्बत पियूँ खूब
मेरी बट सेके गर्म रेत पे धूप
संवार जाये मेरा यह रूप
गर्मी में
बर्फीले तूफ़ान हटें
हवा मुस्कुराये
जानू क्या होता जब ठंडी बर्फ़ यूँ गरमाये
सोचो क्या
सोचेंगे मेरे दोस्त जो देखेंगे
ऐसे मस्त मौक़ा मैं घुमूँगा इस गर्मी में
सर्दी और गर्मी तो दोनो ही ख़ास
जादू छा जाये जब दोनो हो पास
सर्दियों में याद आ जाती नानी
जब गर्मी आएगी मैं हो जाऊँगा ख़ुशी से पागल
जब मुश्किलें हो तो गर्मी याद आये
हो सारी परेशनियाँ भाँप बन जाये
जो आसमान नीला हो
और तुम सबका भी साथ हो
तो करूँगा मैं जो बर्फ़ करे गर्मी में
गर्मी में